फ़िल्म की कहानी अस्सी और नब्बे के उस दौर में स्थापित है जब मुंबई में गैंगस्टर्स का बोलबाला था। सड़कों-रास्तों पर छोटे-मोटे कारोबार कर रहे दुकानदारों से हफ़्ता वसूली के दृश्य आम थे। ऐसे में अमर्त्य राव उनके ख़िलाफ़ खड़ा होता है।from Jagran Hindi News - entertainment:bollywood https://ift.tt/3aVQrht
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